जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है, मां, बहन जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है...
औरत द्वारा ही सदियों से जलती आई है औरत। औरत द्वारा ही सदियों से जलती आई है औरत।
औरत की इज़्ज़त है लुटती बीच भरे बाज़ार खड़ी भीड़ तमाशा देखती होकर के लाचार । औरत की इज़्ज़त है लुटती बीच भरे बाज़ार खड़ी भीड़ तमाशा देखती होकर के लाचार ।
मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर्फ रोटियां सेंक मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर...
यह फ़क्र नही यह फर्क है। यह फ़क्र नही यह फर्क है।
दुःख सदा अपनों के हरती चंडी बन संहार दुष्टों का करती। दुःख सदा अपनों के हरती चंडी बन संहार दुष्टों का करती।